अलास्कापॉक्स वायरस एक नया वायरस है जो अमेरिका के अलास्का प्रांत में पाया गया है. यह वायरस विशेष रूप से अलास्का क्षेत्र में पाया जाता है और इससे एक सामान्य और सामान्य छोटी बुखार की बीमारी होती है. यह वायरस डबल-स्ट्रैंडेड DNA वायरस चेचक, मंकीपॉक्स और काउपॉक्स की जीनस श्रेणी से संबंधित है. यह वायरस मनुष्यों के साथ साथ जानवरों को भी शिकार बना रहा है. इसके लक्षणों में बुखार, त्वचा पर लाल चकत्ते और दाने शामिल हैं, जो घाव का रूप लेते हैं.
अलास्कापॉक्स वायरस : एक नया खतरा
अलास्कापॉक्स वायरस का परिचय
- अलास्कापॉक्स वायरस एक नया वायरस है जो अमेरिका के अलास्का प्रांत में पाया गया है.
- यह वायरस विशेष रूप से अलास्का क्षेत्र में पाया जाता है और इससे एक सामान्य और सामान्य छोटी बुखार की बीमारी होती है.
अलास्कापॉक्स वायरस की खोज
- यह वायरस अलास्का के फेयरबैंक्स नॉर्थ स्टार में जमे हुए पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने से बाहर निकला था.
- इसका पहला मामला 2015 में फेयरबैंक्स में एक वयस्क में सामने आया.
अलास्कापॉक्स वायरस के प्रकार
- अलास्कापॉक्स वायरस डबल-स्ट्रैंडेड DNA वायरस चेचक, मंकीपॉक्स और काउपॉक्स की जीनस श्रेणी से संबंधित है.
अलास्कापॉक्स वायरस का प्रसार
- यह वायरस मनुष्यों के साथ साथ जानवरों को भी शिकार बना रहा है.
- यह विशेष रूप से छोटे जानवरों, जैसे छछूंदर और वोल में प्रचलित है.
अलास्कापॉक्स वायरस के लक्षण
- अलास्कापॉक्स वायरस के अधिकतर लक्षण स्किन यानी त्वचा पर दिखते हैं.
- शरीर में दर्द होने के बाद स्किन पर लाल चकत्ते और दाने पड़ जाते हैं.
- ये दाने घाव का रूप लेते हैं.
अलास्कापॉक्स वायरस का उपचार
- अभी तक अलास्कापॉक्स वायरस का कोई ठोस उपचार नहीं है.
- यह वायरस शरीर के इम्यून सिस्टम को कमजोर कर डालता है.
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अलास्कापॉक्स वायरस: एक चुनौती
- अलास्कापॉक्स वायरस ने वैज्ञानिक समुदाय के सामने एक नई चुनौती डाली है.
वैज्ञानिकों को इस वायरस के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता है, ताकि इसके प्रसार को रोकने और इसके उपचार के लिए बेहतर तरीके खोजे जा सकें.