कोरोना वायरस अब चीन में उतनी तीव्र गति से नहीं फ़ैल रहा है जितना दुनिया के अन्य देशों में फैल रहा है. कोविड 19 नाम का यह वायरस अब तक 200 से ज़्यादा देशों में फैल चुका है.
दुनिया भर में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 936,204को पार कर गयी है, जबकि कोविड 19 से मरने वाले लोगों की संख्या 47,249 हो गयी है.
भारत में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 1965 से अधिक मामले सामने आए हैं. कोरोना से संक्रमित लोगों में से भारत में मरने वाले लोगों की संख्या 50 हो गयी है. कोरोना के संक्रमण के बढ़ते ख़तरे को देखते हुए सावधानी बरतने की ज़रूरत है ताकि इसे फैलने से रोका जा सके.
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दिल्ली-एनसीआर के लोगों में एक अलग ही बेचैनी देखने को मिली है. मेडिकल स्टोर्स में मास्क और सैनिटाइजर की कमी हो गई है, क्योंकि लोग तेजी से इन्हें खरीदने के लिए दौड़ रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन, पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड और नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) से प्राप्त सूचना के आधार पर हम आपको कोरोना वायरस से बचाव के तरीके बता रहे हैं.
एयरपोर्ट पर यात्रियों की स्क्रीनिंग हो या फिर लैब में लोगों की जांच, सरकार ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए कई तरह की तैयारी की है. इसके अलावा किसी भी तरह की अफवाह से बचने, खुद की सुरक्षा के लिए कुछ निर्देश जारी किए हैं, जिससे कोरोना वायरस से निपटा जा सकता है.
किसे पहनना चाहिए मास्क?
अगर आप स्वस्थ हैं तो आपको मास्क की जरूरत नहीं है.
अगर आप किसी कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं, तो आपको मास्क पहनना होगा.
जिन लोगों को बुखार, कफ या सांस में तकलीफ की शिकायत है, उन्हें मास्क पहनना चाहिए और तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
मास्क पहनने का क्या है तरीका?
मास्क पर सामने से हाथ नहीं लगाना चाहिए.
अगर हाथ लग जाए तो तुरंत हाथ धोना चाहिए.
मास्क को ऐसे पहनना चाहिए कि आपकी नाक, मुंह और दाढ़ी का हिस्सा उससे ढका रहे.
मास्क उतारते वक्त भी मास्क की लास्टिक या फीता पकड़क कर निकालना चाहिए,
मास्क नहीं छूना चाहिए. हर रोज मास्क बदल दिया जाना चाहिए.
कोरोना के ख़तरे को कम करने के उपाय
कोरोना से मिलते-जुलते वायरस खांसी और छींक से गिरने वाली बूंदों के ज़रिए फैलते हैं.
अपने हाथ अच्छी तरह धोएं.
खांसते या छींकते वक़्त अपना मुंह ढक लें.
हाथ साफ़ नहीं हो तो आंखों, नाक और मुंह को छूने बचें.
कोरोना वायरस के लक्षण
कोरोनावायरस (कोवाइड-19) में पहले बुख़ार होता है.
इसके बाद सूखी खांसी होती है और फिर एक हफ़्ते बाद सांस लेने में परेशानी होने लगती है.
इन लक्षणों का हमेशा मतलब यह नहीं है कि आपको कोरोना वायरस का संक्रमण है.
कोरोना वायरस के गंभीर मामलों में निमोनिया, सांस लेने में बहुत ज़्यादा परेशानी, किडनी फ़ेल होना और यहां तक कि मौत भी हो सकती है.
उम्रदराज़ लोग और जिन लोगों को पहले से ही कोई बीमारी है (जैसे अस्थमा, मधुमेह, दिल की बीमारी) उनके मामले में ख़तरा गंभीर हो सकता है.
कोरोना का संक्रमण फैलने से कैसे रोकें?
अगर आप संक्रमित इलाक़े से आए हैं या किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में रहे हैं तो आपको अकेले रहने की सलाह दी जा सकती है.
घर पर रहें
ऑफ़िस, स्कूल या सार्वजनिक जगहों पर न जाएं
सार्वजनिक वाहन जैसे बस, ट्रेन, ऑटो या टैक्सी से यात्रा न करें
घर में मेहमान न बुलाएं.
घर का सामान किसी और से मंगाएं.
अगर आप और भी लोगों के साथ रह रहे हैं तो ज़्यादा सतर्कता बरतें.
अलग कमरे में रहें और साझा रसोई व बाथरूम को लगातार साफ़ करें.
14 दिनों तक ऐसा करते रहें ताकि संक्रमण का ख़तरा कम हो सके.
इस तरह के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं कि कोरोना वायरस पार्सल, चिट्टियों या खाने के ज़रिए फैलता है. कोरोना वायरस जैसे वायरस शरीर के बाहर बहुत ज़्यादा समय तक ज़िंदा नहीं रह सकते.
कोरोना वायरस का संक्रमण हो जाये तब?
इस समय कोरोना वायरस का कोई इलाज नहीं है लेकिन इसमें बीमारी के लक्षण कम होने वाली दवाइयां दी जा सकती हैं.
जब तक आप ठीक न हो जाएं, तब तक आप दूसरों से अलग रहें.
कोरोना वायरस के इलाज़ के लिए वैक्सीन विकसित करने पर काम चल रहा है.
इस साल के अंत तक इंसानों पर इसका परीक्षण कर लिया जाएगा.
कुछ अस्पताल एंटी-वायरल दवा का भी परीक्षण कर रहे हैं.