शारीरिक शिक्षा का मुल्ये और प्रयोजन
शारीरिक शिक्षा सिर्फ खेल कूद नहीं है बल्कि खेल कूद तो शारीरिक शिक्षा का एक बहुत ही छोटा का हिस्सा है।
अगर आप किसी आम इंसान से पूछेंगे तो वो शारीरिक शिक्षा को शारीरिक गतिविधि के तौर पे समझाएगा।
आज हम जिस महामारी से घिरे है उसमे जो लोग सवस्त है ये व्ही लोग है जिन्हे शारीरिक शिक्षा की एहमियत मालूम ह।
आज हम इसी शारीरिक शिक्षा और शारीरिक गतिविधि के बारे में जानेंगे। लेकिन उससे पहले एक बहुत ही रोचक कहानी है आपके लेया ।
जो आपको शारीरिक शिक्षा का उद्देश्ये समझने में मदद करेगा।
एक बार एक आदमी समुन्दर के किनारे टहल रहा था , तभी उसकी नज़र एक बच्चे पे पड़ी
वो बच्चा समुन्दर की लहार से किनारे बह आए स्टारफिश (एक प्रकार की मछली जिस को पाँच – सात बाहु के सदृश अंग होते है) को पकड़ केर वापस समुन्दर में फेक रहा था।
यह देख केर उस आदमी को जिज्ञासा हुए की आखिर ये कर क्या रहा है
उसने उस बच्चे से ये पूछने का निर्णय लि।
उसने बच्चे पे पूछा की क्या ये किसी प्रकार का खेल है।
बच्चे ने कहा “नहीं , बल्कि मैं तो इसकी ज़िन्दगी बचाने की कोशिश केर रहा हूँ। अगर सूरज निकलने से पहले मैंने इन्हे वापस समुन्दर में नहीं डाला तो ये सब मर जाएंगी ”
ये सुन केर उस आदमी ने वह पड़े लाखो स्टारफिश को देखा और कहा। “मैं तुम्हारी दरयादिली से खुश हुआ लेकिन ये बताओ सूरज तो बस निकलने वाला है , और अभी भी लाखो मछलिया पड़ी है तुम्हारे इतना मेहनत करने का क्या फ़ायदा ”
बच्चे ने रेत से एक स्टारफिश को उठाया और कहा “इसका तो फ़ायदा होगा ”
इस बच्चे की सोंच ही शारीरिक शिक्षा है
शारीरिक शिक्षा के क्या फायदे है
शारीरिक शिक्षा केवल अवकाश नहीं है और नहीं खेलकूद करना !
ये ना ही मज़ा है और ना ही स्कूल के अंदर सिमित कार्यक्रम।
ये तो जीवन भर का फ़ायदा है
शारीरिक शिक्षा वो अनुभव है जो मार्गदर्शक है युवाओ का ज़िन्दगी भर शारीरिक रूप से सक्रिय रहने केलिए।अगर आप आज की दौर भाग वाली ज़िन्दगी देखेंगे तो आपको ये एहसास होगा की आजकल के युवा अपना ज़ादा तर समय मोबाइल फ़ोन पे बिताते है।
ऐसा नहीं है की उन्हें खेलने का दिल नहीं लेकिन उनके पास खेलने की जगह उपलभ्द नहीं है।
या तो वो ऐसी सोसाइटी में रहते है जहा आप योग या चहलकदमी तो केर सकते है लेकिन खेल नहीं सकते
या फिर खेलने का मैदान उनके घर से बहुत दूर है।
इसका सबसे कारगर उपाए है स्कूल में मौजूद खेल खुद कार्यक्रम
क्युकी बच्चे स्कूल रोज़ाना जाते ही है अगर स्कूल का कार्यक्रम की संरचना सही से की गए है तो बच्चे को कही जाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी
शारीरिक रूप से सक्रिय रहने के फायदे ।
शारीरिक शिक्षा के स्वास्थ्य से जुड़े फायदे का लाभ उठाया जासकता है अगर आप माध्यम शारीरिक गतिविधि को अपने दिनचर्या में जोड़ ले।
अगर रोज़ाना आप नहीं केर सकते तो कमसे काम हफ्ते में एक से दो बार ज़रूर करे
क ) ३० मिनट हलके कदम से चलना
ख ) १५ मिनट दौड़ना
ग ) ४५ मिनट कोई गेम या खेल खेलना
1) शारीरिक शिक्षा के स्वास्थ्य से जुड़े फायदे
१) अगर आप रोज़ाना इन गतिविधि में लगे रहते हो तो आप बहुत से रोगो से मुक्त रहोगे
२) आपकी मांसपेशिया और हड्डिया मज़बूत रहेंगी
३) आप मानसिक रूप से बहुत मज़बूत रहोगे
४) आप कॉन्फिडेंस फील करोगे
५) आपके अंदर हमेशा पाजिटिविटी रहेगी
६) आप अपने बारे में अच्छा सोचोगे और फील करोगे
७) आपकी लाइफस्टाइल में बहुत पॉजिटिव बदलाव दिखेंगे
2) शारीरिक शिक्षा के शैक्षिक फायदे
विज्ञानं ने ये सिद्ध किया है की अगर आप रोज़ाना खेलकूद की गतिविधिया करते हो तो आपकी यादाश्त अछि रहती है और आपकी किसी चीज़ को समझने की छमता बढ़ जाती है।
इसी वजह से उन बच्चो के नंबर भी अचे आते है
१) अगर आप रोज़ाना खेल कूद की गतिविधिया करते हो तो आपका ब्रेन सेल बढ़ता है न्युरोगेनेसिस की प्रक्रिया से (Neurogenesis is the process by which new neurons are formed in the brain)
२) आप ज्यादा अचे से कंसन्ट्रेट केर पाओगे
३) आपकी यादाशत अछि रहेगी
४) आपको चीज़े जल्दी समझ में आएंगी
५) पढ़ाई में टेंसन कभी नहीं होगा
६) किसी भी प्रॉब्लम को आसानी से सुलझाने की छमता बढ़ जाएगी
शारीरिक शिक्षित व्यक्ति कौन है
अक्सर हम पढ़े लिखे लोग को शिक्षित कहते है। उसी तरह शारीरिक शिक्षित व्यक्ति वो लोग है जो खेल कूद में भाग भी लेते है और जीवन भर उसकी एहमियत को मानते भी है।
शारीरिक शिक्षित व्यक्ति के गुण:
१) वो खेल के मौलिक कौशल को केर के दिखा सकता है
२) उसे खेल या शारीरिक गतिविधि की संकल्पना की जनजारी हो
३) वो रोज़ाना उन गतिविधियों में भाग लेता हो
४) इन गति विधियों में भाग लेकर सवस्थ रहता हो
५) एक अच्छे इंसान के गुण और वयवहार हो जो आप अपने विरोधियो के साथ खेलते वक़्त दिखलाए
६) खेल कूद की एहमियत को ज़िन्दगी भर मने
अगर आप ये सभी चीज़े करते हो तो आप भी शारीरिक शिक्षित व्यक्ति कहलाओगे
अपने ज़िन्दगी के इन मुश्किल हालत में खुद को घर में कैद केर के न रखे। अगर बहार निकलना मुश्किल है तो आप निचे दी कुछ व्यायाम घर पे भी केर सकते है।
१) योगा
२) सीधी का इस्तेमाल लिफ्ट की जगह
३) रस्सी कूदना
४) पुश ups
४) दंड बैठक
५) कुर्सी पे बैठना और खड़े होना
७) प्लान्क
८) जंपिंग जैक्स