कॉपीराइट के क्षेत्र
कॉपीराइट के तहत ढेर सारे अधिकार आते हैं. जो लेखन से लेकर साउंड रिकार्डिंग, फिल्म और कलात्मक कामों से जुड़े होते हैं. ये आपके काम की मौलिकता की कई तरह से सुरक्षा करता है की फिर से उत्पादन न हो, इसे किसी और तरीके से बदलकर इस्तेमाल में नहीं लाया जाए, ट्रांसलेशन नहीं हो
कॉपीराइट एक तरह से कानूनी अधिकार है, जो साहित्य, नाटक, संगीत, फिल्मों और कलात्मक कामों के क्रिएटर्स पर लागू होता है. कई बार बिजनेस और स्टार्टअप को भी कॉपीराइट के तहत रजिस्टर्ड कर सकते हैं. इसका संबंध इंस्ट्रक्शन मेन्यूअल, प्रोडक्ट लिटरेचर और यूजर्स गाइड से होता है.
कॉपीराइट किसे अधिकार देता है
आमतौर पर कॉपीराइट कानून के जरिए क्रिएटर अपने काम पर अधिकार हासिल करता है लेकिन कई बार क्रिएटर के एम्पलायर उस काम पर कॉपीराइट अधिकार हासिल करता है.
किन कामों को कॉपीराइट प्रोटेक्ट करता है
– साहित्यिक काम
– नाटक संबंधी काम
– संगीत कार्य
– कलात्मक काम (पेंटिंग, फोटोग्राफी, कलाकृति)
– प्रकाशित संस्करण
– प्रकाशित लेख
– रिकार्डेड साउंड (संगीत, गाना, नाटक, भाषण, लेक्चर आदि)
– मूवी, फिल्म और टेलीफिल्म
– टीवी और रेडियो का ब्राडकास्ट
– तकनीक संबंधी काम
क्या है रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया
इसके लिए सरकार की कॉपीराइट से संबंधित साइट http://copyright.gov.in पर जाएं
यहां आपको आवेदन को आनलाइन भरने के विकल्प मिलेंगे. हालांकि उससे पहले आपको यहां लॉगिन करना होगा, जो निःशुल्क है. कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन के लिए फार्म 904 भरा जाता है. भारत में फिल्मों और टीवी की कहानी पर कॉपीराइट संपदा की सुरक्षा के लिए अलग से एक एसोसिएशन है.
रजिस्ट्रेशन में क्या भरना होगा
व्यक्तिगत विवरण- कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन का फार्म भरने के लिए आपको अपने पर्सनल डिटेल मसलन- नाम, पता, राष्ट्रीयता के बारे में बताना होगा. साथ ही ये घोषित करना होगा कि जिस काम का कॉपीराइट कराना है, वो उसका अपना है या वो आवेदक का प्रतिनिधि है
काम की प्रवृत्ति- इसमें आप अपने जिस काम पर कॉपीराइट कराना चाहते हैं, उसका संक्षिप्त विवरण भरना होगा. उसकी एक हेडिंग तय करनी होगी. अगर किसी वेबसाइट का कॉपीराइट करना हो तो उसका यूआरएल देना होगा. साथ ही काम किस भाषा में किया गया है.
प्रकाशन का विवरण- इसमें आपको काम के प्रकाशन, शुरू होने का दिन या फिर प्रकाशक या रिसर्च संबंधी काम में प्रोफेसर को काम सौंपने का दिन भरना होगा.
कॉपीराइट का उल्लंघन कब माना जाता है
कोई भी लेखन, कंटेट, गाना और फिल्म आदि पर क्रिएटर का पूरा कानूनी अधिकार होता है. ऐसे कंटेंट का पर्सनल इस्तेमाल किया जा सकता है. ये कानूनी तौर पर जायज है लेकिन इसका प्रसार और कामर्शियल उद्देश्य के लिए इस्तेमाल कॉपीराइट उल्लंघन है.
क्या किसी कंटेंट का कोई हिस्सा या आंशिक इस्तेमाल सही है?
किसी भी कंटेंट का गैर कामर्शियल इस्तेमाल जाएज है. निजी इस्तेमाल में इजाजत की जररूत नहीं है. अगर किसी लेखन, शायरी या कविता के कुछ अंश समीक्षा के उद्देश्य से या रिपोर्ट या लेख को समझाने के लिए इस्तेमाल होते हैं तो ये फेयर डीलिंग यानी निष्पक्ष व्यवहार के दायरे में कवर होगा. कॉपीराइट एक्ट की धारा-52 के तहत किसी भी कंटेंट का प्राइवेट इस्तेमाल में उपयोग कॉपीराइट उल्लंघन नहीं है.
अगर इंटरनेट पर कोई कंटेंट या फोटोग्राफ या सामग्री है तो कितना इस्तेमाल हो सकता है?
व्यक्तिगत इस्तेमाल कॉपीराइट का उल्लंघन नहीं लेकिन लेकिन इसका सार्वजनिक प्रसार नहीं किया जा सकता. अगर कोई पब्लिक डोमेन में नेट आदि पर पड़े फोटोग्राफ या कोई अन्य कंटेंट का इस्तेमाल करना चाहता है तो उसे इजाजत लेनी होगी. रॉयल्टी पेमेंट करना होगा.
कहां अलर्ट रहना चाहिए?
कोई भी ऐसे कंटेंट, जो पब्लिक डोमेन में हों या फिर नेट आदि पर हों या लेखन आदि के रूप में हों, उनके पब्लिक प्रसार पर.
किसी भी क्रिएटर का कब तक कॉपीराइट रहता है?
आमतौर पर लेखक और क्रिएटर का अधिकार मरने के 60 साल तक होता है.
कॉपीराइट एक्ट में दोषी को क्या सजा है?
कॉपीराइट एक्ट के उल्लंघन के लिए दोषी पाए जाने पर एक साल तक की सजा के साथ आर्थिक जुर्माने का प्रावधान है. कॉपीराइट उल्लंघन पर डैमेज क्लेम किया जा सकता है. किसी ने कॉपीराइट के उल्लंघन कर जितना प्रॉफिट कमाया है, उस हिसाब से डैमेज क्लेम किया