टमाटर की खेती करने का सही तरीका !
टमाटर का नाम आते ही हमारे आँखों के सामने इसके लाल लाल चटख रंग के साथ रस से भरा हुवा गोल मटोल आकार नजर आता है पोषक तत्वों से भरपूर टमाटर हमारे घरो में सामान्य सब्जीयो में तो उपयोग किया ही जाता है इसके अलावा टमाटर सूप , सॉस, केचप, और चटनी बनाने में भी बहुत आधिक मात्रा में उपयोग किया जाता है
आइए जाने गुणों से भरपूर टमाटर की खेती से अच्छी खासी आमदनी कैसे की जा सकती इस पर विस्तार से जानकारी ले तो चलिए शुरू करते है और जानते है की आखिर टमाटरकी खेती करने का सही तरीका क्या है।
चेरी टमाटरकी खेती :-
टमाटर की खेती में चेरी टमाटर कीखेती की खास बात ये है की इसकी खेती हम अपने घर और किचन गार्डन में भी अपनी सुविधा अनुसार किसी छोटे पात्र ,कंटेनर या गमले में भीकर सकते है
खेत की तेयारी :-
प्राय: हर तरह की भूमि में की जाने वाली टमाटर ! की खेतीमें अगर भूमि की तेयारी की बात करे तो इसमें ! अच्छे जल निकास वाली ऐसी मिट्टी का चयन सबसे ! उत्तम होता हैजिसका की ph मान करीब6 – 7 होजिसमे हम अच्छी तरह 2 से 3 बार जुताई कर के भूमि को समतल कर बुवाई के लिए भूमि को तेयार कर लेते है
टमाटर कीखेती का समय :-
टमाटर की साल भर में मुख्य रूप से 2 बार फसल की बुवाई की जा सकती है जिसमे गर्मियों में जहा जून और जुलाईमें पोधे को तेयार करजहा अगस्त में लगाया जा सकता है वही दूसरी तरफ ठण्ड के मोसम में अगर हमे टमाटर की खेती करना हो तो इसके लिए अक्टुम्बर में करना होता है
टमाटरकी खेती कब करे :-
जून – जुलाई में टमाटर की बुवाई करने की तुलना में ठण्ड के मोसम में टमाटर की बुवाईआधिक फायदेमंद होती है क्योकि इस समयफसलमें किसी भी तरह के रोगहोने कीआशंका कम जाती है
किसीभी फसल का बुवाई से पहले अच्छी तरहबीजोपचार करना एक प्रमुख कार्य हैटमाटर के बीजो के उपचार के लिए हमे थाइरम/मेटालाक्सिल का उपयोग करना चाहिये
टमाटर की किस्म :-
टमाटर की देशी किस्मो की बात की जाए तो इनमे मुख्य रूप से पूसा रूबी, अर्का सौरभ, अर्का विकास, पूसा-120,पूसा शीतल,पूसा गौरव, सोनाली
हाइब्रिड टमाटर की खेती–
हाइब्रिड बीज दरअसल वैज्ञानिकोद्वारातेयार ऐसे बीज होते है जो की आधिक पैदावारदेते हैदरअसल इस पूरी प्रकिया में शोध द्वारा बीजों के गुणो का विकास किया जाता हैइस तरह के बीज को हीहाइब्रिड बीजया संकर बीज कहते है।
टमाटर की खेती करने में किसान के लिए हाईब्रिड टमाटरकीखेती का अपना विशेष महत्व है
टमाटर के हाइब्रिड बीज या संकर बीज पूसा हाइब्रिड –2, 2535उत्सव, अविनाश, चमत्कार, पूसा हाइब्रिड-4, अविनाश-2, रश्मि तथा निजी क्षेत्र से शक्तिमान, रेड गोल्ड, 501, यू.एस.440 आदि।
अर्क रक्षक टमाटर की खेती :-
अभी हाल ही के वर्षो में हमारेदेश के भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से ! संबद्ध भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकोंने टमाटर की ! एक खास किस्म इजाद की है जो की पूरी तरह से किसानो के ! लिए अच्छी पैदावार देने में सक्षम है इस किस्म का !नाम हैअर्क रक्षक जो की करीब 19 किलों तक ! टमाटर का उत्पादन एक पोधे से देता है!
खाद उर्वरक :–
टमाटर की खेती मेंखेत की तेयारी के साथ ! ही भूमि में 15 टनसड़ी हुयी गोबर की खाद को मिला देते है !एवंम मिट्टी की जाँच कर निम्न उर्वरको का प्रयोग करते है ! जिनमे 150 किलोग्राम नत्रजन ,60 किलोग्राम फास्फोरस और ! इतनी ही मात्रा में पोटाश का भी प्रति किलोग्राम की दर से ! प्रयोग में लाते है
कीट प्रबन्धन :- टमाटर की फसल में होने वाले विभिन्न तरह केरोग का समय रहते उपचार और फसल का कीटो से समय रहतेहुए बचाव करना अच्छी पैदावार के लिए अति आवश्यककार्य है
आइए विस्तार से जाने क्या क्याहै टमाटर में लगने वाले किट रोगऔर क्या है उनका उपचार
फल छेदक कीट ये एक ऐसा किट रोग है जिसमे की किट टमाटर में छेद कर खाता है जिससे कीजिससे की फलसड़ने लगता है
उपचार – इसके लिएहमे क्यूनालफास की मात्रा को करीब एक मिली ! प्रति लीटरपानी में अच्छी तरह मिला कर छिडकाव करना चाहिए
इसके अलवा टमाटर में लगने ! वाले अन्य रोग हरा तैला, सफेद मक्खी, एंव तम्बाकू की इल्लीमुख्य रूप ! से है अच्छी तरह से बीजो का उपचार कर बुवाई करना इन किट रोगों के ! होने की संभावनाओं को बहुत हद तक कम करता है इसके अलवा !आर्द्र गलन या डैम्पिंग ऑफ़, झुलसा या ब्लाइट, फल सड़न जैसे प्रमुख ! टमाटर के रोग है जिनका की विशेषज्ञों के सलाह के अनुसार ! उपयुक्त रसायन से इनका बचाव करना चाहिए
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