आखिर प्यार क्या है

आखिर प्यार क्या है

आखिर प्यार क्या है ? हम प्यार के बारे में जानते है, गाने सुनते है, पिक्चर देखते है पर प्यार में पड़ना कुछ अजीब है, एक नशा है, एक पागलपन है, एक जादू है, एक इमोशन है जो आपको समझ नहीं आता है | आप कई बार कुछ ऐसा कर जाते है जो आप नहीं करते अगर आप नार्मल होते | 

आखिर क्या है प्यार, क्या जादू है, क्या रहस्य है,  साइंस की माने तो यह एक केमिस्ट्री है |

आइये जाने साइंस ऑफ़ लव , आखिर प्यार क्या है?

प्यार मैं जब हम होते है तब वैज्ञानिको ने कहा है की हमारे हार्मोन्स और हमारा दिमाग को असर होता है और वो जो इफ़ेक्ट है वो कोकीन लेने के जैसा होता है , यानि आप हर समय नशे मैं रहते है और ये हमारा साइकोलॉजिकल और सामान्य व्यव्हार बदल देता है | एक रिसर्च के अनुसार जब लव होता है तब हमारे दिमाग में केयरिंग, हमदर्दी की भावना आती है | ये एक सकारात्मक स्थिति है | प्यार एक पॉजिटिव इमोशन है | चार्ल्स डार्विन, सिगमंड फ्रायड, मार्गरेट मीड, एलेन बेरसचेिद और एलाइने हटफील्ड कुछ ऐसे महान वैगनिको के नाम है, जिनके विचारो से, शोध से इस क्षेत्र में काफी मदद मिली है | दिमाग को अगर हम देखे तो लव या प्यार इसके १२ अलग क्षेत्रो को प्रभावित करता है |

प्यार में हमारा दिमाग कुछ अलग ही तरह काम करता है, हेलेन फिशर जो की एक अन्थ्रोपोलोगिस्ट है रूटजर्स यूनिवर्सिटी में कहती है की उस समय हमारा दिमाग उस के जैसा काम करता है जैसे की तब जब हम एक लम्बे रिलेशनशिप मैं होते हैं, ये सेक्स के समय के दिमाग से बिलकुल अलग होता है | कुछ ऐसे इशारे है, कुछ ऐसी बातें है जो बताते हैं की आप प्यार में है |

लगता है, मैं बर्बाद हो चुका हूँ 

ये तो सबको ही पता होता है की प्यार में कभी कभी आदमी इमोशनल और फिजियोलॉजिकल रूप से ठीक नहीं है | आप तरह तरफ की फीलिंग्स का अनुभव करते है जैसे की उल्लासोन्माद , अत्यधिक आनंद, सिहर जाना, आपके दिल की धड़कन का बढ़ जाना और इसके साथ इसके विपरीत चीज़े भी होती है जैसे डर, चिंता, घबराहट. ये सब आप थोड़ी थोड़ी देर मैं अनुभव करते है और आपको शांति नहीं मिलती. ये सारे लक्षण एक ड्रग एडिक्ट के भी होते है | जब आप अपने प्यार करने वाले की तस्वीर को देकते है तो आपके दिमाग मैं वैसे की उत्तेजना, आवेग होता है जैसा की ड्रग या नशा लेने के एकदम बाद होता है |

लगता है, वो परफेक्ट है 

जब लोग प्यार में होते है तब हमे अपने प्यार करने वाले की पॉजिटिव या अच्छी बातें ही दिखाई देती है, और हम उनके नेगेटिव या कमियों को नज़र अंदाज़ करते चले जाते हैं. वो उन छोटी छोटी बातो के बारें मैं सोचते है जो उन्हें अपने प्यार करने वाले की याद दिलाती है और वो दिन रात उस के बारे मैं भी सोचते रहते है|  ये क्यों होता है, वैज्ञानिक कहते है ये सेंट्रल डोपामाइन की जयादा मात्रा और नोरेपिनेफ्रीने के बढ़ने से होता है, ये एक केमिकल है जो हमारी याद रखने की शक्ति को बढ़ता है जब भी हम किसी नयी सी सिचुएशन में होते है |

लगता है, वो स्पेशल है 

जब हम प्यार मैं होते है तब हमे लगता की हम जिससे प्यार करते है वो सबसे अलग है, और इस बात के विश्वास के साथ एक और बात हो जाती है  हम किसी और के लिए किसी रोमांटिक फीलिंग का अनुभव भी नहीं कर पाते | हेलेन फिशर कहती है ये सब डोपामाइन का असर होता है, एक केमिकल जो हमारे दिमाग में फोकस बढ़ाने का काम करता है | जब हम प्यार में होते है तो डोपामाइन जयादा मात्रा में बढ़ जाता है |

विपत्ति दोनों को पास ले आती है 

दूरी के बाद मिलना प्यार को बढ़ा देता है, अगर आप भाग रहे है, अगर आप साथ में किसी लड़ाई में शामिल है, अगर आप छुपे हुए है और साथ कुछ भी नहीं है, ऐसी मुश्किलें प्यार को बढ़ा देती है | ये सब डोपामाइन के बढ़े हुए स्तर से होता है |

लगता है, दीवाना हूँ 

दीवाना पागल को ही कहते है, 90% समय वो अपने प्यार करने के वाले के बारें में ही सोचते रहते है, और ये एक दीवानेपन का लक्षण है | ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सेरोटोनिन एक केमिकल की मात्रा हमारे दिमाग में कम  हो जाता है | “गुम है किसी के प्यार में, दिल सुबह शाम ” ये बात सच हो जाती है |

इमोशनल निर्भरता और साथ रहने की चाहत 

प्यार मैं लोग एक दुसरे पर काफी डिपेंडेंट होते है अपने इमोशनल सपोर्ट के लिए, इसके साथ कई और फीलिंग्स होती है जैसे की जलन, जुदाई  का डर, पार्टनर पर अधिकार | प्यार में भावनात्मक रूप से लोग एक दूरसे पर जयादा आश्रित होते है | इसमें उनहे उनका दर्द अपना लगने लगता है, उनकी लड़ाई अपनी लड़ाई लगने लगती है और वो अपने प्रेमी के लिए किसी भी हद तक जा सकते है और कुछ भी कर सकते है |

प्यार में कभी कभी सेक्स का उतना महत्व नहीं होता है यहाँ इमोशन का ही सारा खेल है, ६० % से जयादा प्रेमियों ने बोला है की सेक्स उनके सम्बन्ध का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा नहीं है |

पर प्यार हमेशा नो नहीं रहता है, ये धीरे धीरे बुझ जाता है, ये हमेशा एक अस्थायी स्टेट इफ माइंड है | जब भी सम्बन्ध प्रगाढ़ बन जाते है, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप के जितने भी रुकावटे हट जाती है तब प्यार भी खत्म हो जाता है | और लोग आगे बढ़ जाते है | प्यार का जादू भी जयादा देर तक असर नहीं करता है |

Agar aapko ye Blog padh kar achcha laga aur kuch achcha ya naya sikha aapne toa apne dosto ko bhi sikhaye. Aur unhe ye link share kare. Humari ye koshish rahegi ke aapko hum rozana kuch naya sikhaye.

Agar aapko humse kuch poochna hai toa comment me aap pooch sakte hai.

Leave a Reply