अरंडी की खेती करने का आसान और सही तरीका | अरंडी खरीफ की एक बहुत ही प्रमुख फसल है| अरंडी की खेती आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, बिहार, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पंजाब तथा राजस्थान के शुष्क भागो में की जाती है|
अरंडी की खेती करने का सही तरीका
- इसका उपज 14.17 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है|
- इसके बीज में 45% – 55% तेल तथा 12% – 16% प्रतिषत प्रोटीन होती है|
- इसके तेल में बहुत ज्यादा 93% में रिस नो लीक नमक अमल पाया जाता है| जिसके करण इसका औद्योगिक महत्व अधिक है|
- इसका तेल मुख्य रूप से क्रीम, श्रृंगार, सौंदर्य, सब कार्बन पेपर, वार्निश मरहम तथा नायलॉन रेशो के निर्माण में प्रयोग किया जाता है|
- पशु चिकित्सा में इसको जानवर का कब्जदूर करने से लेकर कोई रोग में इसका बहुत प्रयोग किया जाता है|
अरंडी की खेती के उन्नत किस्म ( अरंडी की खेती करने का सही तरीका)
- अरंडी की खेती से अधिक उपज प्राप्त करने के लिए उन्नत किस्मों का प्रयोग करना चाहिए|
- देसी प्रकारकी अरंडी की तुलाना में उन्नत किस्मों की उपज अधिक होती है|
- तथा जीवाणु और संक्रमणका प्रकोप कम होता है| अरंडी मुख्य तौर पर उन्नत किसमें होती है|
- अरुणा, वरुणा, GCH-4, GCH-5, GCH-7 और RCHC-1 है|
अरंडी की खेती के सिंचाई के लिए जमीन और उसकी तैयारी
- अरंडी खेत किसी भी प्रकार के जमीन में की जा सकती है|
- बालू वाली भूमि जहां पानी ना रुके जो गहरी हो या पानी रोकने की शक्ति हो सही रहती है|
- अरंडी की जड़ों जमीन के भीतर कॉफी गहरी तक जाती है
- इस्का खेत तैयार करने के लिए एक गहरी जुताई मिट्टी पलटने वाले हल या ट्रैक्टर से करनी चाहिए
- उसकी दो या दिन बाद डिस्क हैरो या देसी हल चलकर खेत को तैयार कर लेना चाहिए|
अरंडी के बीज (बीज) लगाने का सही तरीका
- अरंडी के बीज को जड़तार जून या जुलाई महीने में बोया जाता है।
- फसल को बीज की पंक्ति से पंक्ति की दूरी 90 सेमी|
- और पढ़े से पौधे की दूरी 45 सेमी तक रखी जानी चाहिए।
- इसके लिए 12 – 15 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के हिसाब से बीज की जरूरत पड़ती है।
- इस विधि से फसल की कटाई कम समय में की जा सकती है। बीज को हल के पीछे या बीज-ड्रिल से भी बोया जा सकता है।
- पर ध्यान रहे के बीज 7-8 सें.मी. की गहराई से अधिक नहीं बोए जाए वरना उत्पादन पर बड़ा असर पड़ता है।
- बिमारियों से बचने के लिए बीजों को 3 ग्राम थाइरम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचार कर बोना चाहिए।
अरंडी की खेती करने का सही तरीका