एक बच्ची के अभिवावक से बात करने पर उन्होंने अपनी बात हमारे सामने रखी कि उनकी बेटी जिसकी उम्र सिर्फ 6 साल है, मोटापे का शिकार होती जा रही है। जिस पर उनका कहना था कि कहीं न कहीं यह जंक फ़ूड ही बच्ची के मोटापे का कारण है। उनका कहना था…
ऐसा नहीं है कि हम उसकी पसंद को पूरा करने में असमर्थ हैं। पर उसका बढ़ता मोटापा उनके लिए एक बड़ा चिंता का विषय बनता जा रहा है। ऐसा सिर्फ उन अभिवावक का सोचना नहीं है, ये जाने कितने घरों की कहानी है।
अधिकतर सभी के बच्चे खाने से ज्यादा जंक फ़ूड खाना अधिक पसंद करते हैं और हम मना भी नहीं कर पाते। ये जानकर भी कि उसकी सेहत के लिए यह हानिकारक है। सूचना व प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी का कहना है कि इस गंभीर से बचने के लिए कुछ कदम उठाए जायेंगे।
बच्चे कार्टून चैनल्स अधिक देखते हैं जिन पर बर्गर, मैगी, चिप्स जैसे बहुत जंक फ़ूड के प्रचार आते हैं। अब ऐसे प्रचार कार्टून चैनल्स पर नहीं दिखाए जाएंगे। उम्मीद है कि इस कदम से बच्चों का जंक फ़ूड के प्रति आकर्षण थोड़ा कम होगा। ऐसा फैसला खुद 9 बड़ी कंपनियों ने लिया ऐसा ईरानी जी ने बताया। जिसको सुनकर लगता है कि बच्चों पर इसका कुछ प्रभाव तो पडेगा।
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मोटापा सिर्फ दिखने में बुरा नहीं लगता इससे कई तरह के रोग भी लगते हैं। सिर्फ मोटापे की वजह से हुई बीमारियों के कारण हर साल दुनिया में 20 लाख बच्चे मरते हैं। जो कि बहुत बढ़ा आंकड़ा है। पहले ऐसी बीमारियाँ अधिकतर वयस्कों में देखी जाती थी पर आज कल ऐसी समस्या अधिकतर छोटे बच्चों में देखने को मिल रही है।
आशा है कि विज्ञापन बंद करने से पॉजिटिव परिणाम सामने आएंगे। ऐसी ही अन्य जानकारियों के लिए हमारी साइट Sahitarika से जुड़े रहे।