इसरो ने रचे कई इतिहास ,एक क्लिक में उपलब्धियों पर डाले नजर
बिता हुआ साल भारतीय तकनीक के क्षेत्र में बहुत ही गौरवमयी रहा है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो ) ने दुनिया भर में अपना परचम लहराया है। भारत के पहले चंद्रयान ने चन्द्रमा पर भरपूर पानी की पुष्टि की है। उसके द्वारा पूर्व में भेजे गए आकड़ो ने बताया है की चन्द्रमा के दोनों ध्रुवों पर ही नहीं बल्कि उसकी सतह के निचे भी कई स्थानों पर पानी मिलने की सम्भाना है।
जाहिर है, इससे चन्द्रमा पर बस्तिया बसाने, वहाँ पर बसने और उस पर उतर कर उसके तमामं तरह के खनिजों के दोहन की ताक में रहने वाले देशों को एक उम्मीद जगी है। अब से पहले चन्द्रमा में पानी होने की बात महज अनुमान भर थी,लेकिन अब ये अनुमान से कुछ ज्यादा है।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान केंद्र द्वारा 2008 में भेजा गया यह चन्द्रयान था तो दो साल तक काम करने के लिए पर महज 312 दिन ही उसकी उम्र रही इसके बाद 29 अगस्त से इसका संपर्क टूट गया। समझा जाता था की यह नष्ट हो गया, भले ही नासा ने इसका पता लगाया हो पर नासा का कोई यान चन्द्रामा के इतने नजदीक परिक्रमा नहीं कर सका था न ही इतनी सटीक सुचना दे पाया था की चन्द्रमा पर पानी पाया जा सकने वाले क्षेत्रो का नक्शा बनाया जा सके।
यह काम तोह भारत के चंद्रयान ने ही किया है। यही नहीं वैज्ञानिकों को पहली बार चन्द्रमा के भूगोल के बारे में विश्वसनिये जानकारीया हासिल हुई है। इस साल के आरंभ में ही इसरो ने घोषणा की है की वह 2021 में अगला चंद्रयान भेजने को पूरा तैयार है। बात महज चन्द्रयान की नहीं है, इसरो पुरे साल तकनिकी और विज्ञानं के भलक पर छाया रहा।
साल के आखिर में यह पता चला की इसरो द्वारा जो मंगलयान लाल ग्रह का अध्ययन करने के लिए महज छह महीने के मिशन पर भेजा गया था,वह 36 महीने बाद भी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो ) के लिए कार्यरत है और वैज्ञानिको को मंगल ग्रह की तस्वीरें तथा आकड़े भेजता जा रहा है। दूसरे देशों के अंतरिक्ष विज्ञानी जरूर इसरो की सभालता से जलन करेंगे।
साल के दूसरे ही महीने में इसरो ने वीनस यानी शुक्र ग्रह के लिए अपना नया अभियान शुरू करने की घोषणा करके सबको चौका दिया। फ़रवरी में ही इसरो ने केवल छोटे बड़े 104 उपग्रह एक साथ प्रक्षेपित कर कीर्तिमान कायम किया।
साल के जून महीने में इसरो ने 14 देशो के 30 से अधिक सैटेलाइट एक सात अंतरिक्ष में भेजे। इसने इस साल कई स कम्युकेशन सैटेलाइट लॉन्च किये,जिससे भविष्य में संचार को सुचारु बनाने में मददत मिलेगी।