जयादातर लेख या अंग्रेजी वेबसाइट कहती है की आप पब में जाये, क्लब में जाये, होटल जाये पर हम सब कहाँ जा पाते है और हर कोई पीता भी नहीं है और ऐसा भी नहीं है की रोज़ पीने पहुंच जाये | पर हिंदुस्तान में हम किसी अच्छी लड़की से कैसे मिले ? कैसे मनपसंद लड़की से मिले ?
आपको अच्छी लड़की से मिलना है, जो आपकी मन पसंद हो तो आपको ढूढ़ना पड़ेगा,आपको वहां जाना है जहाँ उसके मिलने की सबसे जयादा संभावना है |
कैसे मनपसंद लड़की से मिले ?
जो लड़की आपको चाहिए वो हर जगह है, और एक नहीं हज़ारो में है, पर जब तक आप नयी लड़कियों से नियम से नहीं मिलोगे आपके ऐसी लड़की से मिलने की संभावना बहुत कम होती है | बो बेनेट कहते है की एक सपना तभी लक्ष्य बनता है जब कार्य किया जाता है उसकी तरफ | पहला कदम उस कार्य का है दिमाग़ी तैयारी | जब तक आप तैयारी नहीं करेंगे आपको आपका मनपसंद साथी नहीं मिलेगा | आपका मनपसंद साथी कौन है, क्या कभी आपने उसके बारे में सोचा है, एक बार रुक के सोच ले की आपका साथी कैसा हो, जब आप ये सोच लेते है आपके उससे मिलने के मौके बढ़ जाते है |
आपको अजीब सा लगेगा पर ये होता है, तो आइये एक अभ्यास करें | जब हम कोई चीज़ खोज रहे होते है, या उसके बारे में सोच रहे होते है तो वो हमें मिलने लगती है, हमारा अवचेतन दिमाग उसको हमारे पास ले ही आता है | 13 नो मेरे लिए अच्छा नहीं है ऐसा मैं मानता था, और इस नंबर से हर समय मैं दूर रहना चाहता हूँ, पर मेरे दिमाग में मैं हर वक्त इस नंबर के बारे में सोच रहा था की ये न दिख जाये | उस समय दिन के कई गंटे ऐसे हो जाते थे जब मैं इस नंबर को देख ही लेता था |
कई बार जब मैं फ़ोन पर सामाजय देखता था तो वो 10:13, 12:13. 4:13. 6:13 यही दिखाई देने लगा | कई बार न चाहते हुए भी मुझे ये दिखने लगा, गाडी के पीछे जैसे 3013, 1513, 1349, घर के नंबर, फ़ोन नंबर में इत्यादि | जब मैंने इसके बारे में मैंने सोचना बंद कर दिया तब ये मुझे दिखना भी बंद हो गया | आप भी कुछ ऐसा सोचे और उसको देखने का प्रयास करे, आप देखेगे की धीरे धीरे आप उस चीज़ को हर जगह देखने लगते है, आप कुछ भी ले लीजिये, जैसे की कोई समय, कोई नंबर, एक रुपया और उसके बाद देखे की वो कितनी जगह आपको मिलता है और कितनी बार आपको मिलता है |
जब आप ये अभ्यास कर लेंगे तब आप अपने साथी के बारे में सोचे जिसकी छवि आपने बनायीं है | आप आप उस छवि को ढूंढ़ना शुरू करे और आप देखगे की वो आपको धीरे धीरे हर जगह दिखाई देने लगेगी |
आप अपनी मन पसंद की लड़की की छवि बनाले, वो कैसी होगी, कैसे बात करती होगी, कैसे बाल होंगे, कैसे हँसती होगी, जब आप उसके साथ होंगे तो क्या करेंगे, जब आप उसके साथ कही घूमने जाओगे तो क्या करोगे, वो आपके बारे में क्या सोचेगी, ये सब सोचो और इस चीज़ को दिमाग में रख लो और सोचो की वो आपसे मिलने वाली है |
जब आप ये करते है तो आपकी सोच बालन लगती है, आप लोगो को अपनी तरफ खीचने लगते है | इसे सेल्फ कांशसनेस है धन के भरमार की | मनोविज्ञान कहता है की जब आपके चैतन्य दिमाग से किसी वस्तु को खोजते है वो आपको मिलती है, ये संसार आपको उससे मिलाने की कोशिश में लग जाता है |
आपको इस उदहारण से पता चल जाता है | मान ले की आप के पास पैसे है और आप गाड़ी खरीदने निकले है, आपको कई गाड़िया दिखाई जाती है और आप ये सोचते है की ये मंहगी गाड़ी है, अच्छी है और मैं इसको खरीद सकता हूँ , मुझे छोटी और बेकार गाड़ी खीदने की ज़रुरत नहीं है | आप ये नहीं सोचते है की इतनी अच्छी गाड़ी, क्या ये मुझे ले जाने देगा या फिर मैं छोटी सी गाड़ी ही ले लेता हूँ | पर जब हम किसी से मिलते है और वो अच्छी लड़की है तो हम सोचने लगते है ऐसे
जैसे की हमरे पास पैसे नहीं है और हम गाड़ी खरीदने निकले हैं, और हमें छोटी और गन्दी गाडी ही लेनी पड़ेगी | आपको समझ में आ गया होगा जो समझाना चाहता हूँ पर आप ऐसा करते नहीं है | जब आप ये ऊपर लिखा अभ्यास कर लेते है तो आप जान लेते है ली लड़कियाँ हर जगह है आप जिसको चाहते है वही मिलगी तो आप बेकार के पीछे भागना बंद कर देते है |
वो दो सीढ़िया जिन्हे चढ़कर आप किसी भी लड़की को पा सकते है
पहले जानिए की आपको कौन चाहिए |
वहां जाइए जहाँ वो आपको मिल सकती है |
पहले जानिए की आपको कौन चाहिए |
आपने ये अभी अभी कर लिया है और जान लिया है आपको कौन चाहिए और वो कैसा होना चाहिए | अब आप कॉलेज की लड़कियों को चाहते हो तो जानो की वो कहाँ जाती है और अगर आप 30-40 की उम्र की लड़कियों को चाहते हो तो आप जानते हो वो कहाँ मिलेगी | वहां जाये, हर लड़की से बात नहीं करें पर कोई जो आपको सबसे अच्छी लगे उससे ही बात करे, आप जब हर लड़की से बात करते है तो जो अच्छी होती है वो आपको नहीं मिलेगी | जितना आप फ़िल्टर करंगे कॉफ़ी उतनी ही अच्छी बनेगी |
वहां जाये जहाँ पर वो है
आपको सस्कृति में ढूबी हुई लड़की चाहिए तो आप मंदिर जाये, आश्रम जाये | अगर आप को वो पसंद है जिसे संगीत पसंद है तो संगीत समारोह में जाये, पड़ने वाली लड़कियाँ चाहिए तो आप लाइब्रेरी जाये | आप जितना जयादा अपनी मन पसंद लड़की को अपने मन में उतार लेंगे, उतना ही वो अच्छा रहेगा | लोग आपने आस पास लड़कियों के देखते है और सोचते है की कोई अच्छी लड़की नहीं मिल रही, अगर आप अपनी गली, मोहल्ले, ऑफिस, कॉलेज से आगे ही नहीं बढ़ेंगे तो कैसे होगा | आपको अच्छी लड़की से मिलना है, जो आपकी मन पसंद हो तो आपको ढूढ़ना पड़ेगा, जयादातर लेख या वेबसाइट कहती है की आप पब में जाये, क्लब में जाये, होटल जाये पर हम सब कहाँ जा पाते है और हर कोई पीता भी नहीं है और ऐसा भी नहीं है की रोज़ पीने पहुंच जाये | आपको वहां जाना है जहाँ पर उसके मिलने की सबसे जयादा संभावना है | एक और बात है जिसके बारे में आपको सोचना है, तैयार रहे जब वो मिले तो क्या करना है |
जगह जहाँ आपको मिलना चाहिए |
आप जहाँ बात कर सको | शांत जगह बात करने के लिए अच्छी होती है जैसे की कॉफ़ी शॉप, बुक स्टोर, पार्क इत्यादि | जयादा लोग भी नहीं होते है और आपको उसका पूरा धयान मिलता है |
- सोसाइटी : जहाँ पर लोगो को जानते है, जहाँ पर लोगो का एक सा हित है, जैसे की कंप्यूटर सोसाइटी, आपका बाइक ग्रुप, पहाड़ चढ़ने वाले, कीर्तन मंडली, राम भक्त, सेवाभाव रखने वाले, जानवर के हित में काम करने वाले, रक्त दान ग्रुप इत्यादि |
- रुके रहे: चलते हुए लोगो से आपको बात करना मुश्किल होता है, इसलिए वहां रहे जहाँ लोग जयादा देर तक साथ रहते है, आप ऐसे लोगो से जयादा मिल पाते है | ये धीरे धीरे ही बढ़ती है |
ऐसी जगह देखे और लोगो से मिले, धीरे धीरे आपको पता चल जायेगा की आप कहाँ पर लोग आपसे जयादा मिलेंगे | अपना समय उसी तरह ये बढ़ाये और उन लोगो के साथ रहे जो आपको पसंद है , इस तरह आप उन तक पहुँच जायेगे जहाँ पर आपको जाना है | और आप अपने मनपसंद लड़की से मिल सकते है| अब तॉ आपको पता चल ही गया होगा के