सरसों की खेती करने का सही तरीका | महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान जैसे कई राज्यों में सरसों की खेती की जाती है। सरसों की खेती समृद्धि और लाभदायक होती है, इसलिए बहुत से किसान सरसों की खेती करते हैं। सरसों का तेल एक अत्यंत महत्वपूर्ण तेल होता है जो आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
आज हम इस लेख में सरसों की खेती करने का सही तरीका के बारे में चर्चा करेंगे।
खेत चुनने का सही तरीका
- सरसों की खेती के लिए सबसे पहले आपको खेत का चयन करना होगा।
- सरसों की खेती के लिए उपयुक्त जमीन प्रत्येक भाग में नहीं मिलती है।
- आपको अच्छी गुणवत्ता वाली जमीन का चयन करना चाहिए।
- सरसों की खेती के लिए समृद्ध जमीनों का चयन करना बहुत जरूरी है।
- खेत का चयन करते समय ध्यान रखें कि जमीन का पानी समुचित रूप से बह जाता हो।
जमीन को तैयार करने का सही तरीका
- जब आप खेत चुन लेते हैं तो अगला कदम उसे तैयार करना होता है।
- जमीन को तैयार करने के लिए सबसे पहले आपको समय-समय पर जमीन की उन्नति और समृद्धि के लिए कुछ आवश्यक खुराकों की देन देनी होती है।
- जमीन की तैयारी के लिए पहले जमीन को गहराई तक खोदा जाता है
- ताकि उसमें उपयुक्त पानी और वायु प्रवाहित हो सके।
- उसके बाद जमीन में मलवा देने के लिए कम्पोस्ट का इस्तेमाल किया जाता है।
- समय-समय पर खेत में नींबू या फिर बहुत कम मात्रा में जीवामृत के इस्तेमाल से जमीन की उन्नति होती है।
बीज चुनने का सही तरीका
- जब आप खेत की तैयारी पूरी कर लेते हैं तो अगला कदम होता है बीज चुनना।
- सरसों की खेती में बीज की गुणवत्ता बहुत महत्वपूर्ण होती है।
- उच्च गुणवत्ता वाले बीज से उत्पाद की गुणवत्ता भी अधिक होती है।
- जिस तरह से जमीन का चयन अहम होता है वैसे ही बीज चुनते समय बीज की गुणवत्ता भी अहम होती है।
- सरसों की खेती के लिए सबसे उत्तम बीज के लिए बीज बाजार से या फिर किसान भाईयों से बीज खरीदना चाहिए।
- बीज खरीदते समय बीज की गुणवत्ता जांचने के लिए आप उसे ध्यान से देख सकते हैं।
- अगर बीज आपके हाथ में मजबूत और स्वस्थ होता है तो उसे खरीदना चाहिए।
- बीज का उपयोग सरसों की खेती के लिए हमेशा समय पर किया जाना चाहिए।
- बीज को बारिश से बचाने के लिए प्लास्टिक के कंटेनर में रखा जाता है।
- बीज को सूखी जगह में रखा जाता है जिससे वह गीला नहीं होता है।
फसल की देखभाल करने का सही तरीका
- अगला कदम होता है सरसों की फसल की देखभाल करना।
- सरसों की फसल की देखभाल आसान होती है
- और इसके लिए आपको समय-समय पर फसल को पानी देने की आवश्यकता होती है।
- समय-समय पर फसल के नीचे खाद डालने से फसल की गुणवत्ता बढ़ती है और फसल अधिक मजबूत होती है।
- सरसों की फसल को प्रत्येक सप्ताह में एक बार देखना चाहिए जिससे आप फसल की स्थिति का पता लगा सकते हैं।
- फसल में कीटों और रोगों से बचाने के लिए आपको समय-समय पर उपयुक्त कीटनाशक का इस्तेमाल की आवश्यकता होती है।
- फसल के लिए खाद की भी आवश्यकता होती है।
- फसल को खाद देने का सही समय होता है फसल के उगने के बाद।
- फसल की ऊर्जा खाद से प्राप्त होती है जो उसे मजबूत बनाती है।
- खाद के लिए जीवाश्म और खड दोनों ही प्रकार के उपलब्ध होते हैं।
- फसल को विविधतापूर्ण खाद देने के लिए एक स्कीम बनाई जा सकती है।
- यह स्कीम फसल की गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद करती है।
- समय-समय पर फसल को स्वस्थ बनाने के लिए समय-समय पर कीटनाशक का उपयोग करना चाहिए।
- इससे फसल में कीटों और रोगों का प्रभाव कम होता है और फसल अधिक सुरक्षित होती है।
सरसों की फसल के रोगों से बचाव
सरसों की फसल के लिए फिटिलाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि फसल में पोषण बढ़े