Sensex क्या है ? Sensex के बारे में जानने का सही तरीका।
आप आगर स्टॉक मार्किट में पहले से ही ट्रेडिंग या फिर इन्वेस्टमेंट करते है तो आप Sensex के बारे में भी जरुर सुना होगा.लेकिन जो लोग नए नए इस मार्किट में आते है उनके मन में शयद कही ना कही यह सावाल जरुर पैदा होता है की आखिर सेंसेक्स है क्या ? और इसमें क्या होता है ? तो आज में उनलोगों के लिए ही यह पोस्ट हैं, जिससे वोह समझ सके की stock मार्किट में Sensex क्या है ?और सेंसेक्स का काम क्या है? और यह कैसे काम करता है।
सेंसेक्स का मतलब क्या है? सेंसेक्स को हिन्दी में संवेदी सूचकांक कहते हैं, जो मुंबई स्टॉक एक्सचेंज का एक सूचकांक है। भारत जैसे बड़े अर्थव्यवस्था वाले देशों में कंपनियों के शेयरों की कीमतों के आंकलन के लिए दो सूचकांक बनाया गया है।
शेयर बाजार में इन कंपनियों के शेयरों की बढ़ती-घटती कीमतों पर नजर रखता है। बढ़ती-घटती कीमतों को बाजार के सामने प्रस्तुत करता है, जिससे सेंसेक्स कहते हैं। निफ्टी सूचकांक भी एक प्रकार का सूचकांक है जिस का संबंध नेशनल स्टॉक एक्सचेंज है।
Sensex क्या है, कैसे काम करता है
सेंसेक्स का मतलब समझने के लिए शेयर शब्द समझना आवश्यक है। शेयर, शेयर बाजार तथा सेंसेक्स व निफ्टी इन चारों शब्दों का गहरा तालमेल है। थोड़ा ध्यान से पढ़ें तभी समझ पाएंगे।
शेयर किसे कहते हैं? शेयर का मतलब होता है हिस्सेदारी यानी कि पार्टनरशिप
किसी भी कंपनी को चलाने के लिए बड़े धन की आवश्यकता होती है। धन की प्राप्ति करने के लिए कंपनी अपनी कुछ हिस्सेदारी बाजार में बेच देती है। बाजार में निवेशक उस हिस्सेदारी (शेयर) को खरीद कर कंपनी का नया हिस्सेदार बन जाता है।
शेयर का दाम कैसे तय होता है?
मान लें कि किसी कंपनी ने अपने 25% शेयर को मार्केट में बेच दिया, !उस कंपनी का वैल्यू एक करोड़ रुपया था। मतलब यह !हुआ कि वह मार्केट से 25 लाख उठाना चाहता है। उसके लिए! उन्होंने 25 शेयर बना दिया । एक शेयर का दाम एक! लाख रुपया हुआ।
अगर कोई निवेशक उनमें से 25 शेयरों को 25 लाख देकर खरीद लेता है ! इसका मतलब यह हुआ कि, निवेशक अब कंपनी का !25 परसेंट हिस्सेदार हो गया। कंपनी के फायदे तथा !नुकसान दोनों ही हालात में नया निवेशक उसका हिस्सेदार है।
मान लें कि कंपनी को एक साल में एक करोड़ !का फायदा हुआ तो निवेशक का हिस्सा 25 लाख हो गया। जिस शेयरों! का दाम पिछले साल 25 लाख था अब उस शेयर की कीमत 50 लाख हो! चुका है । यानि एक शेयर की कीमत 2 लाख हो चुका है, जिसकी !कीमत पिछले साल 1 लाख रुपये थी।
अगर उस कंपनी को 1 साल में एक करोड़ रुपए का! नुकसान हो जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि निवेशक का! 25 लाख रुपये का नुकसान हो चुका है। शेयर की कीमत जीरो ! रुपया हो चुका है जिसकी कीमत पिछले साल 1 लाख रुपये थी।
अब आप यह सोच रहे होंगे कि कंपनी ने ! अपना शेयर कैसे बेचा तथा निवेशक ने कैसे शेयर को खरीदा होगा?
शेयर बाजार क्या होता है?
शेयर बाजार वह बाजार होता हैै? जहां पर कंपनी अपने शेयर को बेच सकती है तथा निवेशक मोल भाव करके खरीद सकता है।
पिछले उदाहरण में आपने देखा कि एक निवेशक ने 25 लाख रुपये से 25 शेयर खरीदा था। फायदे की स्थिति में 25 लाख रुपए कमा रहा था. जबकि नुकसान की स्थिति में 25 लाख रुपये का नुकसान हो रहा था।
अब निवेशक पूरे साल में किसी भी समय अपने शेयर को बेच सकता है। अगर वह निवेशक फायदे की स्थिति में सभी शेयरों को बेच देता है तो उसे 25 लाख का मुनाफा हो जाता है। इस खरीद-फरोख्त के लिए एक बाजार चाहिए होता है उस बाजार को ही शेयर बाजार कहते हैं।
अब यह आपके दिमाग में आ रहा होगा कि कंपनी का शेयरों का मूल्य कौन तय करता है ? निवेशक तथा कंपनी के बीच में पारदर्शिता कौन बनाए रखता है ? निवेशक एवं कंपनी की हितों की रक्षा कौन करता है ? इन सभी प्रश्नों का उत्तर हो सकता है – स्टॉक एक्सचेंज या सेंसेक्स या निफ्टी।
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भारत में कितने स्टॉक एक्सचेंज है ?
भारत में दो प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज हैं, जिससे लोग सेंसेक्स या शेयर बाजार समझते हैं, उसका नाम इस प्रकार है।
- मुंबई स्टॉक एक्सचेंज, मुंबई
- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, मुंबई।
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज क्या है ?
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के कितने नाम हैं ? क्या इसे सेंसेक्स कहना उचित होगा ? इन नामों से मुंबई स्टॉक एक्सचेंज को लोग जानते हैं –
- S&P BSE SENSEX
- S&P Bombay Stock Exchange Sensitive Index
- BSE – 30
- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज
- मुंबई शेयर बाजार
- मुंबई संवेदी सूचकांक
- बीएसई सेंसेक्स
- बसे सेंसेक्स
- बीएसई।
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के सूचकांक को सेंसेक्स कहते हैं जो 30 कम्पनियाँ के शेयरों के सूचकांक से बना है। Full Form of Sensex is Sensitive Index। सूचकांक (Index) क्या है ? सूचकांक की परिभाषा ‘’ सूचकांक एक सांख्यिकीय है जो बदलाव को गिनता है यानि ‘’ मूल्य बतानेवाला आँकड़ा ‘’।
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के इतिहास को संक्षिप्त में जान लीजिए
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज, एशिया का सबसे पुराना शेयर बाजार है जिसकी स्थापना 1875 में हुआ था। जबकि भारत सरकार से मान्यता Securities Contract Regulation Act के तहत 31अगस्त 1957 में मिला था।
वर्ष 1978-79 को आधारवर्ष माना जाता है। उस समय सेंसेक्स का आधार मूल्य मात्र 100 रुपये था। सेंसेक्स की रचना 1986 में हुआ था।
मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के इतिहास में जाएंगे तो आपको जानकर ताज्जुब होगा कि 1850 के दशकों में शेयर दलालों की पहली बैठक मुंबई में टाऊन हॉल के सामन बरगद के पेड़ के नीच हुई थी । जबकि दूसरा स्थान महात्मा गांधी रोड था। आखिरकार 1874 में, दलालों को एक स्थायी स्थान मिला, जिसे आज के समय में दलाल स्ट्रीट कहते हैं।
14 मार्च, 1995 में ओटोमेटेड ट्रेडिंग सिस्टम का शुरुआत हुआ था। उसी दिन से निवेशकों ने ऑनलाइन ट्रेडिंग करना शुरु किया था।
1997 में बोल्ट नेटवर्क के जरिए राष्ट्रीय स्तर पर फैलाया गया। 2002 में मुंबई स्टॉक एक्सचेंज का नाम बदलकर बीएसई (BSE SENSEX) रखा गया था। मुंबई स्टॉक एक्सचेंज का मुख्यालय मुंबई है।
इंडिया सेंसेक्स क्या है ?
इंडिया सेंसेक्स का तात्पर्य बीएसई सेंसेक्स है। क्योंकि बीएसई भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है जिसके सूचकांक का नाम सेंसेक्स रखा गया था।
आज भी कुछ लोग मुंबई स्टॉक एक्सचेंज को सेंसेक्स की समझते हैं क्योंकि खबरों में अक्सर सेंसेक्स के नंबर को हेडलाइन बनाकर दिखाया जाता है।
अपना कन्फ्यूजन खत्म कर दीजिए बीएसई एक संस्था का नाम है तथा उसके सूचकांक का नाम संसेक्स है उसे आप इंडिया का सेंसेक्स कह सकते हैं।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज क्या है?
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को अप्रैल 1993 में सेबी (SEBI) के द्वारा स्टॉक एक्सचेंज के रूप में मान्यता मिला तथा 1994 में परिचालन शुरू किया गया था।
एनएसई, भारत का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है तथा विश्व का तीसरा बड़ा स्टॉक एक्सचेंज होने का गौरव प्राप्त है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का मुख्यालय मुंबई है। एनएसई को कुछ लोग निफ्टी मान लेते हैं, आपको बता दूं कि निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का एक सूचकांक है।
निफ्टी का मतलब क्या है?
1996 में निफ्टी शब्द का उदय हुआ था। जिसका संबंध नेशनल स्टॉक एक्सचेंज से है। निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का एक सूचकांक है।
निफ्टी दो शब्दों को मिलाकर बनाया गया है = नेशनल + फिफ्टी = National Fifty या निफ्टी कहते हैं। NIFTY Full form – National Stock Exchange Fifty।
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What is Nifty and Sensex in Hindi
सेंसेक्सतथा निफ्टी दोनों ही संवेदी सूचकांक हैं। शेयर बाजार की बदलाव को निवेशकों तक पहुंचाता है। शेयर बाजार में शेयरों के दाम इन्हीं सूचकांक के द्वारा तय किए जाते हैं।
सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक जबकि निफ्टी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज सूचकांक है। सेंसेक्स 30 कम्पनियाँ से बना है जबकि निफ्टी 50 कम्पनियाँ से बना है।
सेंसेक्सतथा निफ्टी में इन्वेस्ट करने से कितना फायदा होता है?
सेंसेक्स की रफ्तार को भी जान लीजिए
- 1990 – 1000
- 1992 – 2000
- 1992 – 4000
- 1999 – 5000
- 2000 – 6000
- 2006 – 10000
- 2017 – 30000
- 2018 – 35000
- 2019 – 41000
- 2020 – 46,000
- 2021 – 50,000.
ऊपर लिखे आंकड़ों में यह देख सकते हैं कि 1990 में सेंसेक्स आंकड़ा 1 हजार था। अगर वर्ष 2018 की बात करें तो यह आंकड़ा 35 हजार को पार कर गया है।
इसका सीधा-सीधा मतलब यह हुआ कि अगर आप! कोई उचित कंपनी में 1 लाख रुपये का शेयर 1990 !में खरीदा होता तो आज उसका कम से कम 50 गुना बढ़ कर 50 लाख हो सकता था।
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