ये है भारत के मॉर्डन गांव, जिनके आगे महानगर भी है फ़ैल
किसी भी देश के विकास और शांति के लिए गांव की अहम भूमिका होती है। गांव किसी भी देश के लम्बे समय तक ठीके रहने और संतुलन का मुख्य आधार होते है। शायद इसलिए भारतीय गांव के विषय में राष्ट्पिता महात्मा गाँधी ने कहा था की भारत की आत्मा यहां के गांव में बसती है।
अपने इस कथन से महात्मा गाँधी जी ने साफ़ कर दिया था, की भारत में गांव का योगदान और महात्मा बहुत ज्यादा है। हलाकि, आज गांवो को पिछड़ा हुआ माना जाता है, जिस कारन इन्हे विकास मॉडल में जगह नहीं मिल पति है।
इस भ्रम को तोड़ने हुए आज हम आपको भारत के कुछ ऐसे गांवो के बारे में बताने जा रहे है जो कई माइनो में शहरी जीवन से कई ज्यादा आगे है। तोह चलिए जानते है इन गाओं के बारे में।
पोथानिक्कड़, केरल
कहा जाता है कि ग्रामीण जीवन के साथ यहां की शिक्षा का स्तर भी काफी निचा होता है।, लेकिन पोथानिक्कड़ इस बात को पूरी तरह ख़ारिज करता है। इस गांव में शिक्षा का स्तर 100 % है। पिछले कुछ समय में पोथानिक्कड़ में कई सरकारी और प्राइवेट स्कूल खोले गए है, जिस वजह से गांव ने अपनी सदियों पुरानी परंपराओं और संस्कृति को भी संजोकर रखा है।
अगर आप गाओं के प्राकृतिक सुंदरता के बिच खोना चाहते है तो आप इस गांव से महज 16 किमी की दुरी पर बसा थोम्मानकुथु झरना देखने जा सकते है। इसके अलावा आप पोथानीकेड सैट मैरी जैकोबाइट सीरियन चर्च और पोथानीकेड उम्मानिकुंनु सैंट मैरी ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च भी देख सकते है।
मावलिनोंग, मेघालय
ये गांव बहुत खूबसूरत है और यहां का प्राकृतिक सौंदर्य आपको मंत्रमुग्ध होने पर मजबूर कर देगा। मावलिनोंग को यहां के निवासियों ने अपनी कला से सजाया है। साल 2003 में इस गांव को एशिया के सबसे स्वच्छ गांव की उपलब्धि मिली थी। और तभी से ये ऑफबीट ट्रैवल्स के बीच प्रसिद्ध हो गया।
शिलोंग से लगभग 80 किमी की दुरी पर स्थित मावलीनांग गांव स्वच्छता और हाइजीन भरे वातावरण के लिए देश भर में मन जाता है। इस गांव की सड़के पूरी तरह से साफ़ है और यहाँ जगह जगह पर बांस से बने कूड़ेदान रखे गए है। इस गांव में धूल और गंदगी से दूर रहने के नियम भी बनाए गए है। यहां पर आप लिविंग रुट ब्रिज और झरनो के साथ साथ मावलीनांग के सवादिष्ट लोकल फ़ूड का मजा भी ले सकते हे।
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शनि शिंगणापुर, महारष्ट्र
क्या अपने कभी बिना दरवाजो के घरों के बारे में सुना है ? जी हाँ, सुनने में थोड़ा अजीब लगता है, लकिन इस शहर में ये बात बिलकुल सच है।इस शहर के किसी भी घर में आपको दरवाजा या ताला दिखाई नहीं देगा। इस शहर को देश का सबसे सुरक्षित शहर भी कहा जाता है। सबसे खास बात तो ये है की यहाँ पर कोई भी पुलिस स्टेशन तक नहीं है। यह पर कई शनि मंदिर भी है। इन मंदिरो के कारन आपको महाराष्ट के इस शहर हर जगह अधत्यम की छाया बिखरी हुई आएगी।
पुनसारी, गुजरात
देश और दुनिया के लिए उदहारण बने गांवो की लिस्ट में पुनसारी गांव को कैसे भूला जा सकता है. इस गांव में सभी तरह के आधुनिक सुविधाएं जैसे सीसीटीवी कैमरा और वाईफाई सुविधा आदि उपलब्ध। है। पुनसारी में किसी भी तरह की आधुनिक सुविधा की कमी नहीं है। इस गांव को देखर भारत के कई मॉर्डन शहरों तक को शर्म आ जाएगी। अहमदाबाद से महज 2 घंटे की दुरी पर पुनसारी गांव पहुंचा जा सकता है। आधुनिकीकरण की दुनिया में इस गांव में आपको ग्रामीण जीवन के बीच सभी मॉर्डन सुविधाएं मिलेंगे।
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धरनई, विहार
विहार का एक छोटा सा गांव है धरनई, जहा 30 सालो तक बिजली की सुबिधा नहीं थी। और इस बात से परेशान होकर इस गांव के लोगो ने खुद बिजली का उत्पादन शुरू कर दिया। जो भारत का पहला सोलर पॉवर गांव है जिसमे हरित क्रांति के बाद अत्यानिर्भरता का बल आया है। आज पूरा धनरई गांव सोलर पावर पर चलता है और अब इस छोटे से गांव के घर में बिजली है।